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Jun 19, 2015

दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नही

|| दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नही ||
(गीतिका)

दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नहीं
इस मुहब्बत पर किसी का बस नहीं 
खूब हैं दिल की तुनुकमिजाजियाँ 
अड गया ज़िद पर तो टस से मस नहीं 
आते - जाते है ये बादल मौज के 
खुद बरसते हैँ कभी बरबस नहीं 
हम सुधर जायेंगे मानें ऐ हुज़ूर 
दिल की नीयत पर हमारा बस नहीं
बेदिला बेआब हैं , बेमौसमी 
उन अंगूरों में मिलेगा रस नहीं 
शुक्रिया ठंडी हवा का ऐ हुज़ूर 
है पता अपने लिये पावस नहीं
ऐ ' सुमन' तूने भी देखी है कहीं 
आँख की शबनम जो हो बेबस नहीं ||

- लक्ष्मी खन्ना ' सुमन'
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Contributed by: Laxmi Khanna Suman in WaaS / 19 June 2015

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