|| दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नही ||
(गीतिका)
दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नहीं
इस मुहब्बत पर किसी का बस नहीं
खूब हैं दिल की तुनुकमिजाजियाँ
अड गया ज़िद पर तो टस से मस नहीं
आते - जाते है ये बादल मौज के
खुद बरसते हैँ कभी बरबस नहीं
हम सुधर जायेंगे मानें ऐ हुज़ूर
दिल की नीयत पर हमारा बस नहीं
बेदिला बेआब हैं , बेमौसमी
उन अंगूरों में मिलेगा रस नहीं
शुक्रिया ठंडी हवा का ऐ हुज़ूर
है पता अपने लिये पावस नहीं
ऐ ' सुमन' तूने भी देखी है कहीं
आँख की शबनम जो हो बेबस नहीं ||
- लक्ष्मी खन्ना ' सुमन'
------------------------------------------------------------------------------------------------------
Contributed by: Laxmi Khanna Suman in WaaS / 19 June 2015
(गीतिका)
दोस्त ऐसी बेबसी पर हँस नहीं
इस मुहब्बत पर किसी का बस नहीं
खूब हैं दिल की तुनुकमिजाजियाँ
अड गया ज़िद पर तो टस से मस नहीं
आते - जाते है ये बादल मौज के
खुद बरसते हैँ कभी बरबस नहीं
हम सुधर जायेंगे मानें ऐ हुज़ूर
दिल की नीयत पर हमारा बस नहीं
बेदिला बेआब हैं , बेमौसमी
उन अंगूरों में मिलेगा रस नहीं
शुक्रिया ठंडी हवा का ऐ हुज़ूर
है पता अपने लिये पावस नहीं
ऐ ' सुमन' तूने भी देखी है कहीं
आँख की शबनम जो हो बेबस नहीं ||
- लक्ष्मी खन्ना ' सुमन'
------------------------------------------------------------------------------------------------------
Contributed by: Laxmi Khanna Suman in WaaS / 19 June 2015
No comments:
Post a Comment